Posts

Showing posts with the label Pranamya shirasa devam lyrics in kannada

Duniya chale na shri ram ke bina lyrics

Image
Duniya chale na shri ram ke bina lyrics Lyrics start: दुनिया चले ना श्री राम के बिना, राम जी चले ना हनुमान के बिना।। सीता हरण की कहानी सुनो, बनवारी मेरी जुबानी सुनो, सीता मिले ना श्री राम के बिना, पता चले ना हनुमान के बिना, ये दुनिया चले ना श्री राम के बिना, राम जी चले ना हनुमान के बिना।। लक्ष्मण का बचना मुश्किल था, कौन बूटी लाने के काबिल था, लक्षण बचे ना श्री राम के बिना, बूटी मिले ना हनुमान के बिना, दुनिया चलें ना श्री राम के बिना, राम जी चले ना हनुमान के बिना।। जब से रामायण पढ़ ली है, एक बात हमने समझ ली है, रावण मरे नी श्री राम के बिना, लंका जले ना हनुमान के बिना, ये दुनिया चलें ना श्री राम के बिना, राम जी चले ना हनुमान के बिना।। सिंहासन पे बैठे है श्री राम जी, चरणों में बैठे हैं हनुमान जी, मुक्ति मिले ना श्री राम के बिना, भक्ति मिले ना हनुमान के बिना, ये दुनिया चलें ना श्री राम के बिना, राम जी चले ना हनुमान के बिना।। वेदों पुराणों ने कह डाला, राम जी का साथी बजरंग बाला, राम ना जियेंगे हनुमान के बिना, हनुमान ना रहेंगे श्री राम के बिना, ये दुनिया चलें ना श्री राम के बिना, राम जी चले न...

Pranamya shirasa devam lyrics in kannada

Image
Pranamya shirasa devam lyrics in kannada Song credit: Song: Pranamya Shirasa Devam Album: Vishwa Vinayaka Singer: S P Balasubramaniam Composer: Ajay – Atul Language: Sanskrit Genre: Devotional Category: Spiritual Songs Label: Times Music Spiritual Lyrics start: प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम। भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये।।1।। प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम। तृतीयं कृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम।।2।। लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च। सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टकम् ।।3।। नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम। एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम।।4।। द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्य य: पठेन्नर:। न च विघ्नभयं तस्य सर्वासिद्धिकरं प्रभो।।5।। विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम्। पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम् ।।6।। जपेद्वगणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासै: फलं लभेत्। संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय: ।।7।। अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वां य: समर्पयेत। तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत:।।8।। Lyrics end: