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Duniya chale na shri ram ke bina lyrics

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Duniya chale na shri ram ke bina lyrics Lyrics start: दुनिया चले ना श्री राम के बिना, राम जी चले ना हनुमान के बिना।। सीता हरण की कहानी सुनो, बनवारी मेरी जुबानी सुनो, सीता मिले ना श्री राम के बिना, पता चले ना हनुमान के बिना, ये दुनिया चले ना श्री राम के बिना, राम जी चले ना हनुमान के बिना।। लक्ष्मण का बचना मुश्किल था, कौन बूटी लाने के काबिल था, लक्षण बचे ना श्री राम के बिना, बूटी मिले ना हनुमान के बिना, दुनिया चलें ना श्री राम के बिना, राम जी चले ना हनुमान के बिना।। जब से रामायण पढ़ ली है, एक बात हमने समझ ली है, रावण मरे नी श्री राम के बिना, लंका जले ना हनुमान के बिना, ये दुनिया चलें ना श्री राम के बिना, राम जी चले ना हनुमान के बिना।। सिंहासन पे बैठे है श्री राम जी, चरणों में बैठे हैं हनुमान जी, मुक्ति मिले ना श्री राम के बिना, भक्ति मिले ना हनुमान के बिना, ये दुनिया चलें ना श्री राम के बिना, राम जी चले ना हनुमान के बिना।। वेदों पुराणों ने कह डाला, राम जी का साथी बजरंग बाला, राम ना जियेंगे हनुमान के बिना, हनुमान ना रहेंगे श्री राम के बिना, ये दुनिया चलें ना श्री राम के बिना, राम जी चले न...

Kunjika stotram lyrics in hindi

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Kunjika stotram lyrics in hindi Lyrics start: शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्। येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः शुभो भवेत् ।।१।। न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्। न सूक्तं नापि ध्यानं च न न्यासो न च वार्चनम् ।।२।। कुञ्जिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत्। अति गुह्यतरं देवि देवानामपि दुर्लभम् ।।३।। गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति। मारणं मोहनं वश्यं स्तंभोच्चाटनादिकम। पाठमात्रेण संसिध्येत् कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम् ।।४।। अथ मंत्रः ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ।। । इति मंत्रः । नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि। नमः कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिनि ।।१।। नमस्ते शुम्भहन्त्र्यै च निशुम्भासुरघातिनि । जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे।।२।। ऐंकारी सृष्टिरुपायै ह्रींकारी प्रतिपालिका । क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोस्तु ते।।३।। चामुण्डा चण्डघाती च यैकारी वरदायिनी । विच्चे चाभयदा नित्यं नमस्ते मन्त्ररूपिणि ।।४।। धां धीं धूं धूर्जटेः प...